लार्ड मेकाले
यूँ कहें की लार्ड मैकाले ने सीधे सीधे .. मनु स्मृति को ही ध्वस्त कर दिया था
जहाँ भारत भूमि में शिक्छा सिर्फ आर्यों की बपौती थी ...सुनने पर कान में पिघला शीसा और बोलने पर जीभ काट ली जाती थी ..अधिनियम १८१३ के तहत हमे शिक्छा का अधिकार दिया ......और आज हम फेसबुक के माध्यम से विचारों का आदान प्रदान कर रहे हैं
जहाँ मनुवाद के तहत ब्राम्हण को सजा नही होती थी ..मैकाले के कारण १७७५ में भारत भूमि में पहले ब्राम्हण नन्द कुमार को फांसी दी गई .............ब्राम्हण मन्दिरों में शूद्रों ..आदिवासियों की नर बली देते थे उस पर रोक लगाई
और सरकारी नौकरी पर जातिगत भेदभाव हटाया .....शिक्छा का माध्यम अंग्रेजी बनाने के कारण आज हम पुरे विश्व से जुड़े हैं
तो क्या हमे लार्ड मैकाले को .......सम्मान से याद नही करना चाहिए ? सुशीला धुर्वे
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