होले

[3/22, 11:07 PM] makhanlal Shori: होली नहीं होले ....

एक गोण्ड गांव की होले ...

गोण्ड स्थापित ,शासित गांव में होले का स्वरूप ... होले ...होले मतलब ग्राम गणराज्य के विरुद्ध अन्याय अर्थात् होलिका जैसे गण्डजीव को जलाने को खत्म करने हेतु #भीमालपेन के साक्षात् प्रयोग में अन्याय को बड़ादेव (माटी,पानी,हवा,अग्नि व बुम) के साथ खत्म करने की साक्षात् अंगार  में चलकर अग्नि को शून्य करने की कोयतोरीन #परावैज्ञानिक पद्धति ही होले है... यह महत्वपूर्ण #परावैज्ञानिक पंडुम कसेर #गांयता या #कसेरपुझारक के द्वारा ही संभावित होती है। जो कि नार्र के #भीमालपेन ठाना या उनके दर्शित स्थान पर एक देशी #कोर्रमेंज ,#झाड़ामड़ा ,#कमकानूंका की अनिवार्य #माटी में #जिम्मीदारिन याया के #कोरा में अनुमति के द्वारा गण्डजीव लैया  #होलिका के साथ घटित अन्याय को सर्वविदित करने हेतु किया जाता है।इसे साबित करने के लिए #कोयतोरक लैया लयोरक उस #होलिका को जिंदा बचाने के लिए भरे अंगार में तीन या सात बार पश्चिम से पूर्व व पूर्व से पश्चिम नंगे पैर पारकर गण्डजीव लैया की बड़ादेव के एक अंश #अग्नि से रक्षा की अर्जि विनती करते हैं । और बिना कुछ क्षति स्वयं को पहुंचे होलिका को सुरक्षित साबित करते हैं । इसी संदर्भ में सुबह गण्डजीव लैया की सुरक्षित भाव को मानते हुए लहू स्वरूप #प्राकृतिकस्वरुप में टेसू या #मूराल या #फरसा के फूल का अन्याय के खिलाफ #बड़ादेव (सर्वोच्च प्रकृति शक्ति) के विश्वास स्वरूप विजयी प्रतीकात्मक " #होले पंडुम सेवा करते हैं ।
इस दिन के संध्या पूर्व सभी कुवारे #लयोरक के द्वारा लैया #होलिका के न्याय हेतु #होलेकटियांग लाना अनिवार्य होता है।

यह एक #गोण्ड #गणराज्य की #होले है।
होजोरपेन ता सेवा-सेवा
भीमालपेन ता सेवा-सेवा
जिम्मीदारीन याया ना सेवा-सेवा

इस विषय पर बहुत शब्द गोण्डी भाषा में सन्निहित हैं ।
Note

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