बस्तर के नल,शुंग,नाग एवं काकतेय गण्डचिन्ह धारक राजाओं के युग में गोण्डवाना संस्कृति

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बस्तर के नल गण्डचिन्ह धारक राजा
दक्षिण गोण्डवाना के बस्तर संभाग में प्राचीन इतिहास के अनेक सूत्र मिलते हैं जो पूर्व, मध्य, उत्तर तथा नव पाषाण काल से संबंधित हैं । सम्राट अशोक के जमाने में दक्षिण गोंडवाना का बस्तर संभाग आटविक याने अरण्याच्छादित गण्डराज्यों के नाम से जाना जाता था।कलिंग विजय के बाद अशोक ने हथियार डाल दिए और शांति के मार्ग से शेष गण्डराज्यों को अपने अधीन करने का कार्य आरंभ किया । बस्तर व कालाहंडी से प्राप्त पुरातन अवशेषों से पता चलता है कि वह क्षेत्र अशोक के जमाने से अत्यन्त प्रगतिशील था यहाँ चेर,चोल,नाग आदि आटविक गण्ड समुदाय के लोगों के राज्य थे। उसी आटविक गण्डराज्यों के परिक्षेत्र को वे " मावा कोयांतर " याने हमारा कोया वंशियों का देश कहा करते थे इसी मावा कोयांतर को प्राकृत बोली में महा कान्तार कहा जाता था ।
सम्राट अशोक के बाद कलिंग प्रदेश में खारवेल(गरुड़) गण्डचिन्ह धारक गण्ड समुदाय के राजाओं का राज्योदय हुआ। हाथी गुफा प्रस्तर अभिलेख से ज्ञात होता है कि उसने आटविक गण्डराज्यों को साथ लेकर समिपस्त रठिक व भोजक राजाओं को पराभूत किया था। ई. स. के प्रथम शताब्दी में बस्तर के दक्षिण में त्रिकलिंग और पश्चिम में वज्रदेश गण्डराज्य था, जिसे वर्तमान में वैरागढ़ कहा जाता है। इस परिक्षेत्र में जो छोटे छोटे गण्डराज्य थे, वे सीरीसटवा अर्थात् सीरी सातवान राजाओं के अधीन रहे ।कोसल तथा महा कान्तार पर सीरी सातापोहो राजाओं के आधिपत्य की कथा चीनी यात्री ह्युयांन त्संग ने भी लिपिबद्ध की है। उसी कथा के अनुसार महायान शाखा के महान दार्शनिक एवं शून्यवाद के के जनक नागार्जुन ई. स. की दूसरी शताब्दी में पोलोमोलोकिली के मठ में रहा करते थे । पोलोमोलोकिली यानि भ्रमरगिरी को वर्तमान चक्रकोट कहा जाता है। भ्रमरगिरी का अर्थ ही चक्कर कोट या चक्रकोट होता है, जो दक्षिण कोसल की राजधानी सिरपुर से मात्र ३०० किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है। इस क्षेत्र के स्वामी उस वक्त सातपोहो थे। एस. एन. राजगुरु के अनुसार पोलोमोलो किली बस्तर के अभिलेखों में वर्णित भ्रमरकोट(चक्रकोट) है, जो बस्तर और कालाहंडी के सीमा पर अवस्थित पर्वत है। ह्युयान त्सांग के अनुसार नागार्जुन के संरक्षक का नाम " शिएनतेक " था जो सोतोपोहो गण्डचिन्ह धारक था। चीनी भाषा के " शिएनतेक" शब्द का अर्थ शातकर्णी होता है, जो सीरी सटवा यानी सातवान राजा था ।

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